हिमोत्थान सोसाइटी को “डूइंग गुड फॉर भारत अवार्ड्स – 2025” से सम्मानित

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025: टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था हिमोत्थान सोसाइटी को उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए “डूइंग गुड फॉर

हिमोत्थान सोसाइटी को “डूइंग गुड फॉर भारत अवार्ड्स – 2025” से सम्मानित

कुमाऊँ केसरी ब्यूरो 

अल्मोड़ा के 20 गाँवों में 1,000 से अधिक परिवारों की आय में 35% तक की वृद्धि

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर 2025: टाटा ट्रस्ट की सहयोगी संस्था हिमोत्थान सोसाइटी को उत्तराखंड के अल्मोड़ा ज़िले में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए “डूइंग गुड फॉर भारत अवार्ड्स – 2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान नई दिल्ली के होटल पुलमैन में आयोजित 12वें भारत सीएसआर एवं ईएसजी शिखर सम्मेलन – 2025 में प्रदान किया गया, जो एशिया का सबसे बड़ा मंच है जहां सामाजिक परिवर्तन के लिए कार्यरत संस्थाओं को मान्यता दी जाती है।

1,000 परिवारों की आय में औसतन ₹20,000 की वृद्धि

हिमोत्थान सोसाइटी को यह पुरस्कार एचडीएफसी बैंक सीएसआर द्वारा प्रायोजित समग्र ग्रामीण विकास परियोजना (HRDP) के अंतर्गत तीन वर्षों की सतत कार्ययोजना के परिणामस्वरूप मिला।
परियोजना जनवरी 2021 से मार्च 2024 तक अल्मोड़ा जिले के 20 गाँवों में लागू की गई, जिससे 1,000 से अधिक परिवारों को सीधे लाभ हुआ।
रिपोर्ट के अनुसार, इन परिवारों की वार्षिक औसत आय ₹60,000 से बढ़कर ₹80,000 तक पहुँच गई — यानी लगभग 33% से 35% की वृद्धि।

प्रमुख उपलब्धियाँ

क्षेत्र    उपलब्धि    लाभार्थी संख्या

आजीविका संवर्धन    कृषि, पशुपालन, और हस्तशिल्प आधारित सूक्ष्म उद्यमों की स्थापना    650 परिवार

कौशल प्रशिक्षण    18 प्रशिक्षण शिविरों के माध्यम से रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण    450 युवाओं व महिलाओं

प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन    30 जलस्रोतों का पुनर्जीवन, 40 हेक्टेयर भूमि पर जैविक खेती    20 गाँव

शिक्षा एवं स्वच्छता    12 स्कूलों में स्वच्छता अभियान, 1000 से अधिक छात्रों को लाभ    1000+ छात्र

इन पहलों के माध्यम से न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ, बल्कि ग्रामीण समुदायों की आत्मनिर्भरता और सामाजिक भागीदारी में भी वृद्धि देखी गई।

पुरस्कार वितरण और वक्तव्य

समारोह में हिमोत्थान सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक डॉ. विनोद कोठारी, कृषि समन्वयक डॉ. आर.एस. कोश्यारी, और मानव संसाधन विकास कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शशि उपाध्याय ने पुरस्कार ग्रहण किया।
पुरस्कार भारत सरकार के केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री तथा संसदीय कार्य मंत्री डॉ. एल. मुरगुरन द्वारा प्रदान किया गया।

डॉ. विनोद कोठारी ने अपने वक्तव्य में कहा—

“यह सम्मान हिमालयी क्षेत्र में हो रहे सतत और समावेशी विकास प्रयासों की राष्ट्रीय मान्यता है। यह हमें और सशक्त बनाता है कि हम ग्रामीण समुदायों के जीवन में दीर्घकालिक सकारात्मक परिवर्तन लाएँ।”

हिमोत्थान का कार्यक्षेत्र

2007 में स्थापित हिमोत्थान सोसाइटी (Himmotthan Society), टाटा ट्रस्ट्स की सहयोगी इकाई है। इसका मुख्यालय देहरादून में स्थित है।
संस्था वर्तमान में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के 18 जिलों के 2,100 गाँवों में 1,34,500 से अधिक परिवारों के साथ कार्य कर रही है।

संस्था का मुख्य उद्देश्य है —

  • कृषि और पशुधन आधारित सतत उद्यमों का विकास
  • शिक्षा, स्वास्थ्य, जल, स्वच्छता और नवीकरणीय ऊर्जा तक पहुँच बढ़ाना
  • हिमालयी पारिस्थितिकी के अनुरूप आर्थिक मॉडल तैयार करना
  • सामाजिक प्रभाव का विश्लेषण
  • हिमोत्थान की यह परियोजना उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका संवर्धन और पर्यावरण संरक्षण का सफल संयोजन मानी जा रही है।

स्थानीय स्तर पर किए गए हस्तक्षेपों से

  • पलायन दर में लगभग 12% की कमी,
  • महिलाओं की ग्रामीण आर्थिक भागीदारी में 20% की वृद्धि,
  • और जल संरक्षण संरचनाओं के माध्यम से गाँवों की सिंचाई क्षमता में 25% सुधार दर्ज हुआ है।

यह मॉडल उत्तराखंड में सतत विकास और सामुदायिक भागीदारी की दिशा में एक आदर्श उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है।