गदरपुर का मोक्षधाम बना प्रदेश का हाइटेक मुक्तिधाम

गदरपुर का मोक्षधाम बना प्रदेश का हाइटेक मुक्तिधाम , समाजसेवी विजय सुखीजा का हुआ नागरिक अभिनंदन गदरपुर से विशेष रिपोर्ट गदरपुर। नगर के मध्य में स्थित अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मोक्षधाम अब केवल एक अंतिम संस्कार स्थल नहीं, बल्कि उत्तराखंड में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समर्पण का प्रतीक बन चुका है। सोमवार की सायं दो घंटे तक मोक्षधाम परिसर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें समाजसेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाले मोक्षधाम अध्यक्ष विजय सुखीजा का नागरिक अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में किच्छा विधायक एवं पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तिलक राज बेहड़, पालिकाध्यक्ष मनोज गुम्बर, गूलरभोज चैयरमैन सतीश चुग, व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक बेहड़, व नगर के प्रतिष्ठित समाजसेवी व गणमान्य नागरिक शामिल हुए। इस अवसर पर मोक्षधाम परिसर में भगवान शंकर, मां दुर्गा, नंदी महाराज एवं राजा भगीरथ की प्रतिमाओं के साथ एक दिव्य गंगा अवतरण दृश्य का लोकार्पण किया गया। यह दृश्य नगरवासियों के लिए पहली बार किसी श्मशान स्थल में देखने को मिला, जिसने न केवल धार्मिक भावनाओं को जागृत किया, बल्कि गदरपुर को आध्यात्मिक गौरव प्रदान किया। विजय सुखीजा का सात वर्षों का समर्पण वर्ष 2017-18 से मोक्षधाम के अध्यक्ष रहे विजय सुखीजा ने बताया कि इस पवित्र कार्य की प्रेरणा उन्हें दिल्ली यात्रा के दौरान अपने माता-पिता के साथ मिली, जहां उन्होंने अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त मोक्षधाम देखा। वहीं से यह विचार मन में आया कि गदरपुर में भी ऐसा कुछ होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने नगर के समाजसेवियों के साथ मिलकर योजनाबद्ध तरीके से इस कार्य को मूर्त रूप दिया। उद्घाटन समारोह का भव्य आयोजन पंडित विजय शास्त्री और पंडित मदनलाल द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार और आरती के साथ मूर्तियों का अनावरण किया गया। शंख, घंटा और भजन की ध्वनि से मोक्षधाम परिसर आध्यात्मिक वातावरण से गुंजायमान हो उठा। सम्मान और सहभागिता विजय सुखीजा को इस कार्य के लिए न केवल नागरिकों द्वारा फूल-मालाएं और शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया, बल्कि नगर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने भी उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर तहसीलदार लीना चंद्रा, रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा, गदरपुर विधायक अरविंद पांडे, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन सुखीजा, श्याम सुंदर सुखीजा, धर्मचंद खेड़ा, हरनाम सिंह सेतिया, ओमप्रकाश घीक, राजकुमार भुड्डी, अशोक हुड़िया, नैब सिंह धालीवाल, अमरजीत सिंह, सतीश बत्रा, जसपाल डोगरा, सुरजीत बत्रा, सुभाष गुंबर, मुकेश पाल, लेखराज तनेजा, अनिल गगनेजा, विपुल प्रजापति, किशन गुप्ता, गौरव बत्रा, उमर अली, परमजीत सिंह, विशाल जुनेजा, भाई राजेंद्र सिंह, सुरेंद्र सिंह ग्रोवर, लवी ग्रोवर, शालू किन्नर, आदि सैकड़ों लोगों ने शिरकत की। परिवार की अहम भूमिका कार्यक्रम में विजय सुखीजा के परिजनों—पूनम सुखीजा, अंजलि सुखीजा, माधव सुखीजा, प्रांजल सुखीजा, नीलम सुखीजा—की सक्रिय भागीदारी और योगदान को भी सराहा गया। गदरपुर का नंबर वन मोक्षधाम वर्तमान में यह मोक्षधाम न केवल चंदन लकड़ी युक्त शवदाहगृह, सोलर लाइट, स्वच्छ प्रतीक्षालय, पेयजल व्यवस्था और हरियाली से युक्त है, बल्कि यह सांस्कृतिक स्थलों जैसा वातावरण प्रदान करता है। प्रतिदिन शाम के समय यहाँ आने वाले लोग ध्यान, आरती और भजन में भाग लेते हैं, जो नगर को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करता है। जनसहयोग का संदेश कार्यक्रम के अंत में विजय सुखीजा ने सभी नगरवासियों से आग्रह किया कि वे इस मोक्षधाम को और अधिक सुंदर, स्वच्छ और अध्यात्मिक बनाने के लिए तन-मन-धन से सहयोग दें। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी चरणों में डिजिटल सूचना पैनल, वातानुकूलित प्रतीक्षालय और वृक्षारोपण अभियान भी शुरू किया जायेगा। मोक्षधाम गदरपुर अब उत्तराखंड में एक मिसाल बन चुका है—जहाँ समाजसेवा, श्रद्धा और तकनीक का सुंदर संगम देखने को मिलता है। विजय सुखीजा और उनके साथियों ने यह साबित कर दिया है कि यदि नेक सोच हो तो श्मशान भी संस्कार स्थल बन सकता है, जो जीवन के अंतिम पड़ाव को भी गरिमा प्रदान करे।

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