मौसम विभाग के रेड अलर्ट पर सक्रिय हुआ आपदा प्रबंधन विभाग
मौसम विभाग के रेड अलर्ट पर सक्रिय हुआ आपदा प्रबंधन विभाग

चारधाम यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोकने के निर्देश, गांव स्तर पर बनाई गई निगरानी टीमें
देहरादून। उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा 7 और 8 मई को उत्तरकाशी सहित कई जनपदों के लिए भारी बारिश, बर्फबारी और ओलावृष्टि का रेड अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिलों को अलर्ट करते हुए सुरक्षा और राहत कार्यों की तैयारियों को अंतिम रूप देने के निर्देश दिए हैं।
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मुख्यमंत्री के निर्देश पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
राज्य आपदा प्रबंधन समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला और सचिव विनोद कुमार सुमन ने सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इसमें कहा गया कि यदि चारधाम यात्रा मार्ग पर अत्यधिक वर्षा होती है, तो यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक कर बारिश रुकने के बाद ही आगे भेजा जाए।
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गांव-गांव में बनी निगरानी टीमें
टिहरी जिले में प्रत्येक गांव में पांच सदस्यों की विशेष निगरानी टीम बनाई गई है जो किसी भी आपदा की स्थिति में ज़िला आपातकालीन केंद्र को तुरंत सूचना देगी। टीम के संपर्क नंबर डीईओसी में पंजीकृत किए गए हैं ताकि त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
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भूस्खलन क्षेत्रों में उपकरण तैनात करने के निर्देश
सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यात्रा मार्गों के भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य उपकरण पहले से तैनात किए जाएं, ताकि मार्ग अवरुद्ध होने की स्थिति में उसे शीघ्र खोला जा सके।
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सूचना तंत्र को किया जाएगा और मजबूत
कैप सिस्टम के ज़रिए भेजे जा रहे मौसम अलर्ट आम नागरिकों तक समय पर पहुंच रहे हैं या नहीं, इसकी जांच के निर्देश दिए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर भी जानकारी भेजी जाएगी।
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यात्रियों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था जरूरी
यदि किसी स्थान पर यात्रियों को रोका जाता है, तो वहां जलपान और जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। एक जनपद में यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर उन्हें पास के जिले में ही रोका जाए।
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मानसून से पहले नालों की सफाई शुरू
मानसून से पहले सभी नालों की सफाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए हैं ताकि जलभराव की समस्या न हो। वर्तमान बारिश से ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जाए जहां पानी भरने की आशंका हो।
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फेक अलर्ट देने वालों पर होगी कार्रवाई
सचिव ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति भ्रामक सूचना फैलाता है तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी, लेकिन वास्तविक सूचना देने वालों की जानकारी को गंभीरता से लेकर त्वरित एक्शन लिया जाएगा।