स्कूलों में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन कराए जाने के निर्देश, शिक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम धामी सख्त
स्कूलों में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन कराए जाने के निर्देश, शिक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम धामी सख्त

स्कूलों में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन कराए जाने के निर्देश, शिक्षा व्यवस्था को लेकर सीएम धामी सख्त
हर जिले में बनेगा एक आवासीय हॉस्टल, स्कूलों का मानसून पूर्व निरीक्षण अनिवार्य
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में कई अहम निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन पाठ्यचर्या के हिस्से के रूप में कराया जाए, जिससे बच्चों में नैतिक मूल्यों का विकास हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में नवाचारों के लिए अगले दस वर्षों का स्पष्ट कार्ययोजना तैयार की जाए। साथ ही, शिक्षा विभाग दिसंबर 2026 तक की गतिविधियों के लिए रजतोत्सव कैलेंडर तैयार करे।
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हर जनपद में बनेंगे एक-एक आवासीय हॉस्टल
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पहले चरण में हर जनपद में एक-एक क्लस्टर विद्यालय में आवासीय हॉस्टल बनाया जाए। उन्होंने छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन करने को कहा। क्लस्टर विद्यालयों के 15 किमी के दायरे में छात्र-छात्राओं के लिए परिवहन सुविधा हेतु भी शीघ्र प्रस्ताव लाने को कहा गया।
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बरसात से पहले सभी स्कूलों का होगा निरीक्षण
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मानसून से पूर्व सभी स्कूलों, स्कूल मार्गों और पुलों का निरीक्षण किया जाए ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मत में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए।
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ट्रांसफर, पाठ्यपुस्तक और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ज़ोर
सीएम धामी ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर में पूरी पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि बच्चों को पाठ्यपुस्तकें समय पर मिलें। सुरक्षा से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
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पाठ्यक्रम में होगा नैतिक शिक्षा, पर्यावरण, लोककला और क्षेत्रीय कौशल का समावेश
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय जागरूकता, सांस्कृतिक विरासत, क्षेत्रीय लोककथाएं, संगीत, कला, स्वास्थ्य शिक्षा और कौशल विकास को सम्मिलित किया जाए।
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CSR फंड से मांगा जाएगा सहयोग
राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से CSR फंड के तहत सहयोग लेकर शिक्षा सुविधाओं को बेहतर करने का भी सुझाव मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिया।
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बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक झरना कमठान सहित शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।