पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनी अधिनियम की जानकारी हेतु एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
रूद्रपुर 18 अगस्त 2025 (सू.वि.)- मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी की अध्यक्षता में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम की जानकारी हेतु

रूद्रपुर 18 अगस्त 2025 (सू.वि.)- मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी की अध्यक्षता में पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम की जानकारी हेतु एक दिवसीय कार्यशाला जिला सभागार में आयोजित हुई। जिसमे जनपद के पंजीकृत 145 अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्केन संचालको द्वारा प्रतिभाग किया गया।
मुख्य विकास अधिकारी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि पीसीपीएनडीटी अधिनियम का मुख्य उद्देश्य प्रसव पूर्व निदान तकनीको का उपयोग करके लिंग चयन को रोकना और कन्या भ्रूण हत्या को रोकना है। उन्होने कहा अधिनियम के तहत जन्म से पूर्व शिशु के लिंग के जॉज पर पावंदी है, एसे में अल्ट्रासाउंड या अल्ट्रासोनोग्राफी कराने वाले अथवा करने वाले चिकित्साकों/संचालको को तीन से पांच साल सजा अथवा जुर्वाने की सजा का प्राविधान है। उन्होने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड, सीटी स्केन, एमआरआई सेन्टर अपनी मशीनो को ठीक-ठाक रखे तथा सभी सूचना प्रपत्रों को भरे। उन्होने सभी संचालको से सेन्टरों के बाहर पीसीपीएनडीटी अधिनियम, अल्ट्रासाउंड संचालक की जानकारी व मुखबिर योजना का बोर्ड लगारकर प्रदशर््िात करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा सभी अल्ट्रासाउंड, सीटी स्केन, एमआरआई सेन्टर संचालक अथवा उसमे काम करने वाले कार्मिक मुखबिर योजना के तहत अवैध लिंग परीक्षण अथवा अवैध क्लनिक संचालको की सूचना प्रशासन अथवा सीएमओ कार्यालय में देने में सहयोग करे। उन्होने कहा सूचना देने वालो का नाम गोपनीय रखा जायेगा। उन्होने सभी अल्ट्रासाउंड व अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटरो में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगवाने के निर्देश दिय साथ ही मशीनो पर ट्रेकर डिवाईज भी अनिवार्य रूप से लगाने के निर्देश भी दिये। उन्होने कहा कि सेंटरो अल्ट्रासाउंड के दौरान यदि कोई गर्भवती महिला हाई रिस्क लगती है तो उसकी सूचना सीएमओ कार्यालय अथवा एनएचएम टीम को दे ताकि उन हाई रिस्क गर्भवती महिलाओ को तुरन्त उच्च स्तर की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करा कर जच्चा-बच्चा दोनों को सुरक्षित किया जा सकें। उन्होने कहा जिन क्षेत्रों में बालक-बालिका अनुपात कम है वहां अभियान चलाकर टीम द्वारा चैकिंग भी की जायेगी। उन्होने जनपद के बोर्डर क्षेत्रों में नजर रखने को कहा।
कार्यशाला में मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 केके अग्रवाल ने कहा कि सभी अल्ट्रासाउंड, अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटर प्रबन्धको से कहा कि वे सेंटरों में किये जा रहे अल्ट्रासाउंड का शतप्रतिशत पंजीकरण करने व आवश्यक सूचनाएं प्रपत्रों में पूर्ण भरने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि अल्ट्रासाउंड की सूचना प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सीएमओ कार्यालय को उपलब्ध कराये। उन्होने हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं की सूचना देने में सहयोग करने के साथ ही क्लनिक प्रबंधकों को उनके सेंटरों में किये जा रहे चैस्ट एक्सरे की रिपोर्ट की सूचना देने के निर्देश दिये ताकि टीबी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाया जा सकें।
कार्याशाला में अल्ट्रासाउंड, एमआरआई, सीटी स्केन संचालकों को पीसीपीएनडीटी एक्ट की विस्तृत जानकारी देते हुए आवश्यक प्रपत्र भरने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में फार्म-एफ सावधानी से भरने के साथ ही फार्म में गर्भवती के हस्ताक्षर, रेफरकर्ता चिकित्सक तथा अल्ट्रासांउड कर्ता के हस्ताक्षण नाम सहित भरने का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में पीसीपीएनडीटी एक्ट के अन्तर्गत मशीनों के पंजीकरण, नवीनीकरण प्रक्रिया के साथ ही प्राविधानों के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तृत जानकारियां दी गयी। कार्यशाला में संचालकांें से संवाद कर आ रही समस्याओं विस्तृत चर्चा कर उनका निदान भी किया गया। कार्यशाला में उत्पीड़न-रहित कार्यस्थल का आपका अधिकार सुनश्चित करना पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी कौस्तुभ मिश्र, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 एसपी सिंह, डॉ0 हरेन्द्र मलिक, डॉ0 अजय ठक्कर, डॉ0 स्मीता, डॉ अजय कुमार, डॉ0 रीता, डॉ0 गिरीश टाक, डॉ0 रूही रस्तोगी, डॉ0 भरत, डॉ0 नरेश कुमार, डॉ0 आरएफ खान, डॉ0 आरएस बाठला, डॉ0 नितिन चौहान, डॉ0 सीमा सिंह, डॉ0 जितेश आर्या सहित अनेक संेटर प्रबंधक, टैक्नििशिएन मौजूद थे।