वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया नेशनल मीडिया रजिस्टर

नई दिल्ली। वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया द्वारा 29 अगस्त को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के कांफ्रेंस हाल में फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय की अध्यक्षता तथा

वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया द्वारा लॉन्च किया गया नेशनल मीडिया रजिस्टर

सी एम पपनैं

नई दिल्ली। वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया द्वारा 29 अगस्त को नई दिल्ली स्थित हरियाणा भवन के कांफ्रेंस हाल में फेडरेशन राष्ट्रीय अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार संजय उपाध्याय की अध्यक्षता तथा फेडरेशन महासचिव वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र भंडारी तथा देश की विभिन्न राष्ट्रीय फेडरेशनों से जुड़े पदाधिकारियों में वरिष्ठ पत्रकारों में प्रमुख मनोज मिश्रा, परमानंद पांडे, पार्थसारथी थपलियाल, ज्ञानेंद्र जी, सी एम पपनैं, अमलेश राजू तथा सुरेंद्र वर्मा (फेडरेशन राष्ट्रीय सलाहकार) तथा वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया से जुड़े पत्रकारों की दिल्ली, हरियाणा तथा अन्य राज्यों के यूनिटों से बड़ी संख्या में जुड़े फेडरेशन पदाधिकारियों की प्रभावी उपस्थिति में पहली बार राष्ट्रीय फलक पर पत्रकारों का नेशनल मीडिया रजिस्टर लॉन्च किया गया। वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया से बड़ी संख्या में जुड़े दिल्ली तथा हरियाणा यूनिट पदाधिकारियों के पुनर्गठन की विधिवत घोषणा तथा 'राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका' विषय पर प्रभावशाली सेमिनार का आयोजन किया गया।

वर्ष 2017 में गठित वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया संस्थापक अध्यक्ष संजय उपाध्याय तथा महासचिव नरेंद्र भंडारी द्वारा आयोजन के इस अवसर पर अवगत कराया गया, विगत आठ वर्षों के दौरान अभी तक देश के 14 राज्यों में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया से जुड़े पत्रकारों की राज्य यूनिटों का गठन किया जा चुका है। छह राज्यों में फेडरेशन यूनिट गठन की तैयारी अन्तिम चरण में है। अवगत कराया गया, बाकी बचे राज्यों में फेडरेशन सदस्य तो हैं लेकिन फेडरेशन यूनिटों का गठन नहीं किया गया है। अवगत कराया गया, भारतीय मजदूर संघ से वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया संबद्ध है। अवगत कराया गया, भयावह कोरोना कालखंड में वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया की ओर से 27 सौ पत्रकारों के परिवारों को राशन भिजवा कर मदद की गई थी। बड़े स्तर पर पत्रकारों के सरोकारों हेतु गठित संगठन निरंतर कार्य कर रहा है।

अवगत कराया गया, वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट 1955 से सिर्फ स्थाई रूप से कार्य कर रहे पत्रकारों को ही फायदा मिलता था, अन्य पत्रकारों को नहीं। उनकी फेडरेशन द्वारा वर्ष 2019 में किए गए कड़े संघर्ष के बाद वर्ष 2021 में अन्य मीडिया से जुड़े पत्रकारों को भी उक्त लाभ में समाहित किया गया, पत्रकार का दर्जा दिया गया। कहा गया, स्थापित सरकारों ने पत्रकारिता को दबाने का कार्य किया है, पत्रकारों को अपना पत्रकारिता का धर्म निष्पक्ष होकर निभाते रहना चाहिए। सभी मीडिया संगठनों को एकजुट होकर समस्याओं से लड़ने की जरूरत है। 

कहा गया, डिजिटल प्लेटफार्म आज पत्रकारिता का बढ़ता माध्यम है। अवगत कराया गया, पत्रकारों की समस्याओं के समाधान हेतु अनेकों बैठके संबंधित केंद्र सरकार के मंत्रियों से की गई, निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाए। कहा गया, पत्रकार किसे माने! जो लिखते हैं, बोलते वे पत्रकार हैं। अवगत कराया गया, पत्रकारों को जागृत करने हेतु उनकी फेडरेशन द्वारा गीतों की रचना की गई। पत्रकारों की कई बैठके की। जंतर मंतर पर हो हल्ला किया। प्रधानमंत्री को बीस सूत्री कार्यक्रम की सूची दी। हरियाणा के मुख्यमंत्री से हरियाणा के पत्रकारों के बावत बात की, कही कुछ फायदा नहीं हुआ। कहा गया, समय की मांग है, संगठित होकर लड़ाई को अंजाम दिया जाए। 

आयोजन के इस अवसर पर आयोजक फेडरेशन पदाधिकारियों द्वारा आमंत्रित विशिष्ठ फेडरेशन पदाधिकारियों को दुपट्टा ओढ़ा कर स्वागत अभिनन्दन किया गया। कांफ्रेंस हाल में उपस्थित सभी राष्ट्रीय व राज्य यूनिट फेडरेशन से जुड़े पत्रकारों द्वारा स्वयं का परिचय दिया गया।

आयोजित कार्यक्रम में वर्किंग जर्नलिस्ट्स ऑफ इंडिया दिल्ली यूनिट का पुनर्गठन किया गया, जिसमें पत्रकार संदीप शर्मा को दिल्ली यूनिट अध्यक्ष, राज नारायण मिश्रा वरिष्ठ उपाध्यक्ष, धर्मेंद्र भदौरिया, स्वतंत्र सिंह भुल्लर व ईश मालिक उपाध्यक्ष, देवेंद्र सिंह तोमर महासचिव, अशोक सक्सेना कोषाध्यक्ष, प्रीत पाल सिंह उप-कोषाध्यक्ष, संगठन मंत्री सुनील परिहार, सचिव महेश ढौंडियाल, राजेश खन्ना व महेंद्र, मीडिया सचिव इम्तियाज अहमद, प्रचार सचिव जगजीत सिंह तथा दिल्ली प्रभारी की जिम्मेवारी नरेंद्र धवन को सर्वसम्मति से दी गई। मार्गदर्शक मंडल में वरिष्ठ पत्रकार आलोक गौड़ तथा वरुनेन्द्र कथूरिया को स्थान दिया गया। फेडरेशन की दिल्ली यूनिट के चुने गए उक्त सभी पदाधिकारियों को आमंत्रित वरिष्ठ पत्रकार फेडरेशन पदाधिकारियों द्वारा वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया का दुपट्टा पहना कर सम्मानित किया गया। 

विगत सप्ताह फेडरेशन की हरियाणा यूनिट की गठित नई टीम पदाधिकारियों का परिचय

फेडरेशन राष्ट्रीय सचिव व हरियाणा प्रभारी विकास सुखीजा द्वारा करवाया गया। हरियाणा यूनिट अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा (करनाल), कार्यकारी अध्यक्ष हरीश चावला (तरावड़ी), प्रदेश महासचिव जंगशेर राणा (पंचकूला), वरिष्ठ उपाध्यक्ष राज कुमार भाटिया (पलवल), रणबीर परासर (कैथल), बलराम शर्मा (रोहतक), महेश शर्मा (करनाल), प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश सेठ (कैथल), सतबीर भारद्वाज (गुड़गांव), डॉ.अशोक अरोड़ा (करनाल), विजय शर्मा (सिरसा), प्रदेश संगठन सचिव एंव जिलाध्यक्ष सन्नी चौहान (करनाल), प्रदेश सह संगठन सचिव कर्मवीर पन्नू (कुरूक्षेत्र), प्रदेश सचिव विरेंद्र नीटू (समालखा), ईश्वर दत्त शर्मा (असंध), सुरेंद्र पांचाल (घरौंडा), प्रदेश प्रेस एंव प्रचार सचिव शिव बतरा इंद्री (करनाल), प्रदेश सह प्रेस सचिव नवीन शर्मा (रोहतक), प्रदेश लेखाकार राम किशन (यमुनानगर), प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य गुरू चरण सिंह विर्क, एस पी सिंह (अंबाला), अनिल भारद्वाज (असंध), अशोक गुप्ता (पानीपत),  मनमोहन शर्मा (हांसी), मैनपाल कश्यप इंद्री प्रदेश कोषाध्यक्ष, विनय विज (करनाल) के साथ-साथ महिला विंग स्नेह चौपड़ा तथा पारूल शर्मा (गुड़गांव) तथा शिव बत्रा हरियाणा प्रदेश सह प्रभारी का अभिनंदन वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया का दुपट्टा आमंत्रित पत्रकार फेडरेशन पदाधिकारियों के कर कमलों पहना कर किया गया।

वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया महासचिव नरेंद्र भंडारी द्वारा अवगत कराया गया, हरियाणा राज्य के पत्रकारों की यूनिट को चार भागों में बांटा गया है। हरियाणा यूनिट अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा के सानिध्य में राज्य के बारह जिलों की यूनिटें तैयार हैं, जिनके पदाधिकारियों की घोषणा जल्द की जायेगी। आयोजन के इस अवसर पर सर्वसम्मति से सुरेन्द्र वर्मा को फेडरेशन का राष्ट्रीय सलाहकार घोषित किया गया। 

वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया द्वारा पहली बार देश के पत्रकारों का नेशनल मीडिया रजिस्टर लांच करने के बावत फेडरेशन महासचिव नरेंद्र भंडारी द्वारा अवगत कराया गया, छह माह की तैयारी और अनेकों राज्यों के पत्रकारों के साथ आयोजित बैठकों के बाद उक्त रजिस्टर आज लांच किया जा रहा है। कहा गया, समस्त मीडिया फेडरेशनों से जुड़े पत्रकारों की मांग भी थी उक्त रजिस्टर बने। स्थापित सरकार द्वारा कोई पहल नहीं की गई। चंडीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित एक बैठक में डब्ल्यू जे आई पदाधिकारियों द्वारा निर्णय लिया गया था उक्त कार्य वे अपने बल बूते करेंगे। कहा गया, देश के सभी मीडिया पत्रकार 'मेरा मीडिया परिवार' से जुड़ कर इसे सफल बनाएंगे। अवगत कराया गया, देश का कोई भी पत्रकार अपनी यात्रा व प्रवास के दौरान किसी भी जानकारी या मदद हेतु लॉन्च किए जा रहे मीडिया रजिस्टर का अवलोकन कर उक्त नगर, महानगर के पत्रकार से जुड़ कर, संपर्क कर, सहायता ले सकता है। कहा गया, यह ऐतिहासिक कार्य है। अवगत कराया गया, लॉन्च किए गए रजिस्टर का डाटा कार्य एक सप्ताह के बाद शुरू हो जाएगा। 

लांच किए गए डाटा रजिस्टर तकनीकी टीम हैड तीर्थंकर सरकार को आयोजन के इस अवसर पर सम्मानित किया गया। देशभर के पत्रकारों की डिटेल जानने को कहा गया। अवगत कराया गया, कल से उक्त फार्म खुल जायेगा। अवगत कराया गया, इस नाम से एक एप है, इस नाम से। उक्त रजिस्टर से पत्रकार का नाम लिया जा सकता है। वेबसाइट पर लॉगिंग का अवसर मिल जायेगा। अवगत कराया गया, यह रजिस्टर बारह भाषाओं में है। रजिस्टर डाटा जितना विस्तृत होगा, उसका महत्व उतना बढ़ता जायेगा। 

आमंत्रित अन्य फेडरेशन पदाधिकारियों परमानंद पांडे, मनोज मिश्रा, सी एम पपनै, पार्थसारथी थपलियाल, चरण सिंह राजपूत तथा विकास सुखेजा द्वारा नेशनल मीडिया रजिस्टर तथा आयोजित सेमिनार 'राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका' विषय पर बोलते हुए कहा गया, वैश्विक फलक पर जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2043 तक प्रिंट मीडिया के अखबार छपने बंद हो जायेंगे। इसलिए वर्तमान में सभी प्रिंट मीडिया अखबार डिजिटल में आ गए हैं। अवगत कराया गया, वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट समाप्त कर दिया गया है, उसकी जगह चार नए एक्ट लाद दिए गए हैं। पत्रकार किसे कहे, कहा जा रहा है। पाठक, दर्शक सब पत्रकार हैं कहा जा रहा है। स्थाई मीडिया कर्मियों को डिजिटल पर स्थानांतरित कर दिया गया है। वक्ताओं द्वारा कहा गया, जरूरत है सरकार उन सबको मान्यता दे। प्रति सात वर्ष के अंतराल में वेजबोर्ड का रिवीजन जरूर हो। सरकार से मांग की जाए पत्रकारों के कल्याण हेतु एक फंड बनाया जाए, वेतन, भत्ता मिले। 

राष्ट्रीय फेडरेशनों से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा कहा गया, पत्रकार पत्रकारिता छोड़ दूसरे रोजगारों में जा रहे हैं। स्थाई रोजगार जरूरी है। राष्ट्रीय यूनियनें और फेडरेशनें स्थाई रोजगार के मुद्दे पर संगठित होकर आगे आए। 

वक्ताओं द्वारा कहा गया, वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया ने नेशनल मीडिया रजिस्टर लॉन्च कर बड़ा कार्य किया है। पत्रकार आभार व्यक्त करते हैं। कहा गया, जरूरत है लांच किए गए नेशनल मीडिया रजिस्टर का प्रसार पूरे देश में करे। सरकार इसे वैध माने। कहा गया, अनेकों पत्रकारों का जीवन पत्रकारिता पर नहीं चल पा रहा है। अच्छा सौभाग्य गिनती के पत्रकारों को मिला है। आज स्वतंत्र रूप से पढ़ने लिखने की स्थिति पत्रकारिता में नहीं रही। पत्रकारिता की परिभाषा सीमित हो गई है। पत्रकारिता को लोग धंधा बनाए हुए हैं। 

वक्ताओं द्वारा कहा गया, समय बदल रहा है, भारत भूमि विविधता में एकता को पिरोती है। हम में एक जुटता है। पत्रकार शिक्षित और मर्यादित होना चाहिए। कहा गया, लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मान्यता थी, समाज मान्यता देता था। आज मान-मर्यादा खो चुकी है, अब बदलाव का दौर है। पत्रकार शब्द बहुत व्यापक है। अनुभवी लोगों को मंच पर होना जरूरी है। समाज के साथ चले, अपनी संस्कृति को न भूले। कहा गया, लांच किया गया नेशनल मीडिया रजिस्टर लालटेन है, उसे देख आगे बढ़ सकते हैं। 

वक्ताओं द्वारा कहा गया, मीडिया को मजबूर कर दिया गया है। मीडिया कर्मियों को अपनी नैतिक जिम्मेवारी निभानी है। पीड़ित और अभावग्रस्त पत्रकारों की लड़ाई लड़ी जाए, उनकी मदद की जाए, गठित यूनियनों और फेडरेशनों की ओर से। कहा गया, पत्रकार को विपक्ष का लीडर माना जाता है। आर्थिक, सामाजिक और जानमाल का खतरा पत्रकारों के मध्य बना रहता है। पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे डाले जा रहे हो हैं। हत्याएं की जा रही है। अवगत कराया गया, बीते पांच वर्षों में गृह राज्यमंत्री से फेडरेशन लीडरों द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा के बावत अनेकों बैठके की गई, कोई संज्ञान नहीं लिया गया। 

वक्ताओं द्वारा कहा द्वारा गया, मीडिया लोकतंत्र का चौथा नहीं पहला स्तंभ है, यह जानने के लिए फ्रेंच रिवोल्यूशन के बावत जानना जरूरी है। पत्रकारों को देश हित में कार्य करना है, सरकार के हित में नहीं। कहा गया, सरकार भी मीडिया के बगैर नहीं चल सकती। व्यवस्था में परिवर्तन जरूरी है।