केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा ‘एपीटीए’ परियोजना के तहत वैद्य बालेन्दु प्रकाश के जीवन-प्रोफाइल दस्तावेजीकरण कार्य का आवंटन
नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025, दोपहर 03:07 बजे – केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने आयुर्वेद को रूपांतरित करने

नई दिल्ली, 13 सितंबर 2025, दोपहर 03:07 बजे – केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार ने आयुर्वेद को रूपांतरित करने वाले प्रशंसनीय व्यक्तित्वों के जीवन-प्रोफाइल के दस्तावेजीकरण हेतु ‘डॉक्यूमेंटेशन ऑफ लाइफ-प्रोफाइल्स ऑफ एडमायरेबल पर्सनैलिटीज़ टू ट्रांसफॉर्म आयुर्वेदा (एपीटीए)’ नामक इंट्रा-म्यूरल रिसर्च (आईएमआर) परियोजना के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण कार्य का आवंटन किया है।
इस परियोजना के अंतर्गत विशेष रूप से प्रसिद्ध आयुर्वेदिक विद्वान वैद्य बालेन्दु प्रकाश के जीवन और योगदान का दस्तावेजीकरण किया जाएगा। इस कार्य का आवंटन दो योग्य व्यक्तियों – वैद्य सार्थक संजीव और डॉ. वीरयास्वामी एस. चारंतीमठ – को सौंपा गया है।
परियोजना का विवरण
एपीटीए परियोजना का उद्देश्य आयुर्वेद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों, विशेष रूप से वैद्य बालेन्दु प्रकाश, के जीवन और उनके कार्यों का वैज्ञानिक आधार पर दस्तावेजीकरण करना है।
वैद्य बालेन्दु प्रकाश एक सुप्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक हैं, जिन्हें 1999 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे रस-शास्त्र के विशेषज्ञ हैं और 40 वर्षों से अधिक के नैदानिक अनुभव के साथ अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) तथा कैंसर जैसी जटिल बीमारियों के उपचार में उल्लेखनीय योगदान कर चुके हैं। उनकी संस्था पड़ावआयुर्वेद और वीसीपी कैंसर रिसर्च फाउंडेशन में किए गए शोध ने आयुर्वेद को आधुनिक वैज्ञानिक मान्यता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
यह परियोजना उनके जीवन-प्रोफाइल को शोध पत्र या पुस्तक अध्याय के रूप में प्रकाशित करेगी, जो शोधकर्ताओं, छात्रों और चिकित्सकों के लिए प्रेरणास्रोत सिद्ध होगी।
आवंटित कार्यकर्ता
वैद्य सार्थक संजीव (चरखी दादरी, हरियाणा, 9215522474 email: vaidyasarthaksanjeev@gmail.com)
डॉ. वीरयास्वामी एस. चारंतीमठ: डीन, श्री परिपूर्णानंद आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, नेलमंगला, बेंगलुरु (पता: रेलवे गोल्लाहल्ली पोस्ट, नेलमंगला तालुक, कसाबा होबली; ईमेल: veeryaurs@5921ac.in)।
इन दोनों को वैज्ञानिक सलाहकार समूह (साहित्यिक अनुसंधान) और उपसमिति द्वारा प्रस्ताव की समीक्षा के बाद यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें संवेदीकरण कार्यक्रम में भाग लेना होगा तथा समयबद्ध तरीके से मसौदा (31 अक्टूबर 2025 तक) और अंतिम शोध पत्र (31 मार्च 2026 तक) प्रस्तुत करना होगा।
सीसीआरएएस के महानिदेशक ने कहा, वैद्य बालेन्दु प्रकाश जैसे व्यक्तित्वों के जीवन-प्रोफाइल का दस्तावेजीकरण आयुर्वेद की विरासत को संरक्षित करने और इसे वैश्विक मंच पर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
सीसीआरएएस मुख्यालय:
वेबसाइट – https://ccras.nic.in
सीसीआरएएस के बारे में:
केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक स्वायत्त संस्था है, जो आयुर्वेद के अनुसंधान, विकास और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है।