रुद्रपुर: पैंक्रियाटाइटिस के मरीजों के लिए आयुर्वेदिक उपचार ने दी राहत
रुद्रपुर, 9 अगस्त 2025, पैंक्रियाटाइटिस, जो अग्न्याशय की गंभीर और अपरिवर्तनीय सूजन है, से पीड़ित मरीजों के लिए आयुर्वेदिक उपचार एक नई उम्मीद बनकर उभरा है।

रुद्रपुर, 9 अगस्त 2025, पैंक्रियाटाइटिस, जो अग्न्याशय की गंभीर और अपरिवर्तनीय सूजन है, से पीड़ित मरीजों के लिए आयुर्वेदिक उपचार एक नई उम्मीद बनकर उभरा है। पङाव- विशिष्ट आयुर्वेदिक चिकित्सा केन्द्र, रुद्रपुर में विकसित आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रोटोकॉल ने हजारों मरीजों को राहत पहुंचाई है। यह प्रोटोकॉल स्वर्गीय वैद्य चंद्र प्रकाश जी द्वारा तैयार किया गया था, जिन्होंने इस बीमारी के इलाज में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित 1,858 मरीजों के आंकड़ों के अनुसार, आयुर्वेदिक उपचार शुरू करने से पहले औसतन प्रति मरीज द्वारा समय समय पर एलोपैथिक उपचार का सहारा लिया गया जिसमें प्रत्येक रोगी पर औसतन 6,03,344 रुपये का खर्च आया, जो कुल एक सौ बारह करोड़ दस लाख तेरह हज़ार आठ सौ उनहत्तर रुपये तक पहुंचा।
यह बीमारी शारीरिक रूप से दर्द, कमजोरी, वजन घटाने और अनियंत्रित ब्लड शुगर जैसी समस्याएं पैदा करती है, जबकि मानसिक रूप से अवसाद, चिंता और डर को बढ़ावा देती है।
पादाव सेंटर के अनुसार, आयुर्वेदिक चिकने इन मरीजों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक बोझ से निजात दिलाने में मदद की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपचार न केवल लक्षणों से राहत देता है, बल्कि स्थायी सुधार भी प्रदान करता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस नवाचार की प्रशंसा की है, हालांकि भारत में इस बीमारी पर शोध और ध्यान की कमी पर चिंता जताई है।
पङाव के संस्थापक, पद्मश्री से सम्मानित और भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति के मानद चिकित्सक वैद्य बालेन्दु प्रकाश ने बताया कि आधुनिक जीवन शैली, असंतुलित खानपान और खनिज तत्वों की कमी से यह रोग तेज़ी से प्रसार कर रहा है। इस रोग से ग्रस्त होने वालो में किशोर एवं युवा लड़कों की प्रधानता है। उन्होंने बताया कि उनके आविष्कार को भारत सरकार द्वारा पेटेंट से नवाज़ा जा चुका है और वर्तमान में पैनक्रियटाइटिस के इलाज में उनके द्वारा दी जाने वाली आयुर्वेदिक चिकित्सा से लगभग सत्तर प्रतिशत रोगियों को पूरी तरह स्थायी लाभ प्राप्त होता है। फलस्वरूप उनके द्वारा चिकित्सा पायें रोगी शारीरिक, मानसिक और आर्थिक कष्टी और तनाव मुक्त जीवन यापन करने में सक्षम होते हैं।