एल्डा फाउंडेशन ने हरबर्टपुर क्षेत्र के कई गर्ल्स मदरसों में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया
देहरादून। महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही एल्डा फाउंडेशन ने हरबर्टपुर क्षेत्र के कई गर्ल्स मदरसों में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम

देहरादून। महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में काम कर रही एल्डा फाउंडेशन ने हरबर्टपुर क्षेत्र के कई गर्ल्स मदरसों में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और मासिक धर्म स्वच्छता जैसे संवेदनशील लेकिन बेहद महत्वपूर्ण विषयों पर छात्राओं को जानकारी देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना था।
फाउंडेशन की अध्यक्षा डॉ 0 पूजा शाहीन तथा गुलिस्तां ने छात्राओं को बताया कि गर्भाशय ग्रीवा कैंसर किस प्रकार महिलाओं के जीवन को प्रभावित करता है और समय पर जांच और रोकथाम से इसे कैसे टाला जा सकता है। साथ ही मासिक धर्म स्वच्छता से जुड़ी भ्रांतियों और झिझक पर भी चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि स्वच्छता उत्पादों का सही इस्तेमाल न केवल संक्रमण से बचाता है बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
इस अवसर पर एल्डा फाउंडेशन ने छात्राओं की सुविधा के लिए सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन मदरसे को दान की। इससे छात्राओं को आवश्यकता पड़ने पर आसानी से स्वच्छता उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे। यह पहल खासतौर पर उन छात्राओं के लिए राहत लेकर आई है जिन्हें अब तक इस दिशा में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
इसके साथ ही फाउंडेशन ने मदरसे में पीरियड फ्रेंडली टॉयलेट का भी निर्माण कराया है। इन टॉयलेट्स को इस तरह डिजाइन किया गया है कि लड़कियों को मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता और गरिमा के साथ सुविधा मिल सके। यह प्रयास शिक्षा के माहौल को और बेहतर बनाने में सहायक होगा, ताकि छात्राओं को शारीरिक असुविधा या झिझक के कारण पढ़ाई से वंचित न होना पड़े।
कार्यक्रम में शामिल छात्राओं और अध्यापिकाओं ने एल्डा फाउंडेशन की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की कोशिशें लड़कियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएंगी और उन्हें पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने में मदद करेंगी।
एल्डा फाउंडेशन का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि ठोस बदलाव लाना है। संस्था का विश्वास है कि जब लड़कियां और महिलाएं स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में मजबूत होंगी, तभी समाज भी सशक्त होगा।
इस पहल से साफ है कि देहरादून के मदरसों में पढ़ रही छात्राओं के जीवन में यह कार्यक्रम न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिहाज से सकारात्मक बदलाव लाएगा, बल्कि उन्हें गरिमा और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने की राह भी दिखाएगा।