मदरसों में वजीफों का गड़बड़ झाला, आई जी नीलेश भरणे करेंगे एसआईटी जांच

देहरादून: क्या सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल अल्पसंख्यक विद्यालय या मदरसा हो सकता है ? यही बात केंद्रीय सरकार द्वारा पोषित विद्यालयों को दी जाने वाली छात्रवृति देने वाले अधिकारियों की नजर में आई है।

मदरसों में वजीफों का गड़बड़ झाला, आई जी नीलेश भरणे करेंगे एसआईटी जांच

सी एम  धामी ने दिए थे जांच के आदेश
सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से केंद्र से ले ली अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति का मामला

देहरादून: क्या सरस्वती शिशु मंदिर हाई स्कूल अल्पसंख्यक विद्यालय या मदरसा हो सकता है ? यही बात केंद्रीय सरकार द्वारा पोषित विद्यालयों को दी जाने वाली छात्रवृति देने वाले अधिकारियों की नजर में आई है।
जिसकी जानकारी राज्य सरकार को मिलने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने गहनता से जांच करने के आदेश विशेष सचिव अल्प संख्यक कल्याण विभाग को दिए थे। बाद में सीएम पुष्कर धामी इस पर एसआईटी गठित करने के निर्देश जारी किए थे। शासन ने डीजीपी को इस बारे में अधिकारी नियुक्त करने को कहा था। जिसके बाद पुलिस महानिरीक्षक लॉ एंड ऑर्डर डॉ निलेश भरणे को एसआईटी का नेतृत्व करने का जिम्मा दे दिया है। आई जी के साथ हर जिले के पुलिस कप्तान और पीएचक्यू से एक पुलिस उपाधीक्षक और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के एक अधिकारी की टीम बना दी गई है।
जानकारी के मुताबिक हरिद्वार के सांसद त्रिवेंद्र रावत ने भी लोकसभा में ये मुद्दा उठाया था जिस पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री डा किरेन रिजिजू ने बताया था कि उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी ऐसी शिकायतें आई है जिसपर जांच पड़ताल राज्य सरकार के सहयोग से की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि  उधम सिंह नगर जिले में 2021- 2022 और 2022 - 2023 के राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर दर्ज किए अल्पसंख्यक छात्रवृति आवेदकों की प्रमाणिकता जांचने के लिए उधमसिंह नगर जिले के 796 बच्चों के विषय में दस्तावेज जानकारी मांगी गई थी।

इनमें से 6 मदरसों/ शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले 456 बच्चों के बारे में जानकारी संदिग्ध पाई गई है।

खास बात ये है कि इन स्कूलों में सरस्वती शिशु मंदिर हाईस्कूल किच्छा का नाम भी शामिल है। 

जानकारी के मुताबिक यही से इस मामले का गड़बड़ झाला सामने आया है क्योंकि एक तो सरस्वती शिशु मंदिर अल्पसंख्यक विद्यालय नहीं होता दूसरा इसका संचालक मोहम्मद शारिक - अतीक बताया गया है। राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल के अनुसार यहां 154 मुस्लिम बच्चों का पढ़ना बताया गया है।

राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल पर ये नाम देखकर सरकार भी चौंकी है जिसके बाद ही मुख्यमंत्री धामी ने गहनता से जांच करने के निर्देश दिए है।

जानकारी के अनुसार काशीपुर के नेशनल अकादमी जेएमवाईआईएच एस में पढ़ने वाले 125 मुस्लिम बच्चे और इसके संचालक गुलशफा अंसारी,

मदरसा अल जामिया उल मदरिया के 27 बच्चों का और उसके संचालक मोहम्मद फैजान का सत्यापन भी किए जाने के निर्देश जारी किए गए है।

इसके अलावा मदरसा अल्बिया  रफीक उल उलूम घनसारा बाजपुर के संचालक जावेद अहमद और यहां के 39 बच्चों, संभवतः इसी जावेद अहमद के नाम से गदरपुर के मदरसा जामिया आलिया के 24 बच्चों के बारे में भी दस्तावेज जांचने और मदरसा जामिया रजा उल उलूम बाजपुर के 85 बच्चों और संचालक इरशाद अली के सत्यापन करने के निर्देश दिए गए है।

उधम सिंह नगर के जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नंदिनी सिंह को इन सभी मामलों की गहनता से जांच पड़ताल करने के लिए सचिव अल्पसंख्यक कल्याण ने दिए थे।

क्या कहते है अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ पराग मधुकर धकाते 

सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से एक वर्ग विशेष द्वारा अल्पसंख्यक छात्रवृति के मामले संज्ञान  में आने साथ ही अन्य मदरसों के द्वारा राष्ट्रीय छात्रवृति में  दर्ज आवेदनों को लेकर संदेह पैदा हुआ है, माननीय मुख्यमंत्री द्वारा इस मामले की गहनता से जांच करने के निर्देश प्राप्त हुए थे, इस पर पूरे राज्य में जांच की गई है साथ ही केंद्र सरकार के मंत्रालय से भी संवाद किया जा रहा है।अब आगे और जांच के लिए एसआईटी  बना दी गई है जिसमें पुलिस के आई जी को जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान

राष्ट्रीय छात्रवृति पोर्टल में दी गई आवेदकों की जानकारी संदेहजनक प्रतीत हुई है, सरस्वती शिशु मंदिर के नाम से छात्रवृति पर सवाल उठा है जिसकी जांच करने के लिए एसआईटी बनाई गई है। सरकार चाहती है जल्द इसकी जांच पड़ताल पूरी की जाए।