पंचायत चुनाव में भाजपाई नेता आपस में भिड़े
गदरपुर ( संवाददाता)। पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान गदरपुर में सत्ता पार्टी का ‘घर का झगड़ा’ खुलकर सड़क पर उतर आया। भाजपा के दो विधायक — रुद्रपुर के शिव अरोरा और गदरपुर के अरविंद पांडे

गदरपुर में विधायक बनाम विधायक, लाठियां, बरसात और हाई-वोल्टेज ड्रामा
गदरपुर ( संवाददाता)। पंचायत चुनाव की मतगणना के दौरान गदरपुर में सत्ता पार्टी का ‘घर का झगड़ा’ खुलकर सड़क पर उतर आया। भाजपा के दो विधायक — रुद्रपुर के शिव अरोरा और गदरपुर के अरविंद पांडे — अपने-अपने समर्थकों के साथ आमने-सामने आ गए। हालात ऐसे बने कि पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं और झगड़ा थमाने में आखिरकार बरसात ने ही भगवान का काम किया।
जीत का जश्न, झगड़े में तब्दील
नवीन अनाज मंडी स्थित मतगणना स्थल के बाहर माहौल उस वक्त बिगड़ गया, जब बीडीसी सदस्य के विजयी प्रत्याशी को ‘उठाने’ को लेकर हंगामा मच गया। बात बढ़ी और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रीत ग्रोवर पर एक व्यक्ति ने हमला कर दिया। बस, फिर क्या था — भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के कार्यकर्ता भिड़ गए।
विधायक भिड़े, पुलिस भागी
सूचना मिलते ही दोनों भाजपा विधायक मौके पर पहुंचे। लेकिन कार्यकर्ताओं को शांत करने की बजाय खुद एक-दूसरे पर चढ़ बैठे। तीखी नोकझोंक और राजनीतिक आक्रामकता के बीच हालात बेकाबू होते देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।
थानाध्यक्ष राजेश पांडे के नेतृत्व में लाठीचार्ज हुआ, भीड़ तितर-बितर की गई, और कार्यकर्ताओं को मतगणना स्थल से कई सौ मीटर दूर धकेल दिया गया।
शिव अरोरा बोले — हमला करने वाला भूमाफिया
विधायक शिव अरोरा ने घटना पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि हमला करने वाला एक आपराधिक प्रवृत्ति का भूमाफिया है, जिसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं।
“मीडिया और पुलिस के सामने हमारे कार्यकर्ता पर हमला हुआ, यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक है,” अरोरा ने कहा।
अरविंद पांडे बोले — कोई मारपीट नहीं
दूसरी ओर गदरपुर विधायक अरविंद पांडे ने बिल्कुल उल्टा बयान देते हुए कहा कि “कोई मारपीट नहीं हुई, सब भाजपा के कार्यकर्ता हैं, आपस में बैठकर मामला सुलझा लिया जाएगा।” उन्होंने पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया और कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया।
स्थानीयों की नाराज़गी
श्रीरामपुर निवासी साहब सिंह ने आरोप लगाया कि उनके साथी गगनदीप के साथ धक्का-मुक्की हुई और पुलिस भी उन्हें परेशान कर रही है। “मतगणना निष्पक्ष होनी चाहिए थी, लेकिन यहां तो राजनीतिक ताकत का खेल दिख रहा है,” उन्होंने कहा।
बरसात ने बचाई लाज
जिस टकराव ने पूरे इलाके में तनाव फैला दिया था, वह बरसात की बूंदों से ठंडा पड़ा। जैसे ही तेज बारिश शुरू हुई, भीड़ छिटक गई और दोनों गुट अपने-अपने ठिकानों की ओर लौट गए।
भाजपा में ‘अंदरूनी युद्ध’ का संकेत
एक ही पार्टी के दो विधायकों का इस तरह से खुला टकराव भाजपा की अंदरूनी राजनीति को उजागर करता है। पंचायत चुनाव जीत का जश्न मनाने की बजाय पार्टी का झगड़ा सार्वजनिक हो गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह घटना आने वाले समय में भाजपा के लिए “घर की लड़ाई, घर में हार” वाली स्थिति बना सकती है।
गदरपुर का यह पंचायत चुनावी ड्रामा सिर्फ एक झगड़ा नहीं, बल्कि सत्ता पार्टी की गुटबाजी का खुला सबूत है। मतगणना स्थल पर लाठीचार्ज, विधायकों की भिड़ंत और बरसात के बीच थमा हंगामा आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति में लंबी गूंज छोड़ने वाला है।