गदरपुर: शहर में आवारा कुत्तों का आतंक
गदरपुर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक झुंड के झुंड कुत्ते न सिर्फ लोगों को डराकर उनका रास्ता रोकते हैं, बल्कि आए दिन किसी

घायल कुत्तों का नहीं हो रहा उपचार, आश्रय स्थल बनाने की मांग तेज
गदरपुर। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गलियों से लेकर मुख्य मार्ग तक झुंड के झुंड कुत्ते न सिर्फ लोगों को डराकर उनका रास्ता रोकते हैं, बल्कि आए दिन किसी न किसी को घायल भी कर देते हैं। हालात यह हैं कि पैदल चलने वाले, स्कूली बच्चे और सुबह-शाम सैर पर निकलने वाले बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान हैं। कई बार तो ये कुत्ते बाइकों और कारों के पीछे दौड़ पड़ते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका और बढ़ जाती है।
पिछले कुछ महीनों में दर्जनों लोग आवारा कुत्तों के हमले का शिकार होकर घायल हो चुके हैं। वहीं, सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले कुत्तों का उपचार तक नहीं हो पा रहा है। नगर पालिका प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस कदम न उठाए जाने से लोगों में आक्रोश है। शहरवासियों का कहना है कि न तो कुत्तों की नसबंदी की व्यवस्था की गई है और न ही कोई स्थायी आश्रय स्थल बनाया गया है।
स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि नगर पालिका शीघ्र ही आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम नहीं बनाती और नसबंदी अभियान नहीं चलाती, तो स्थिति और भयावह हो सकती है। नागरिकों ने यह भी कहा कि बीमार और घायल कुत्तों के उपचार की व्यवस्था नगर पालिका की जिम्मेदारी है, जिसे वह पूरी तरह से निभाने में नाकाम साबित हो रही है।
लोगों की मांग है कि आवारा कुत्तों को पकड़कर सुरक्षित आश्रय स्थल पर रखा जाए, ताकि शहर में आमजन सुरक्षित महसूस कर सकें। साथ ही पशु चिकित्सकों की टीम बनाकर घायल कुत्तों का इलाज किया जाए। यदि जल्द कदम न उठाए गए तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।