उधम सिंह नगर में कांग्रेस में बढ़ी खींचतान
रुद्रपुर। उधम सिंह नगर जिले में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। जिले में नए कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रूप में हिमांशु गाबा की नियुक्ति के बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस
विधायक बेहड़ ने जिलाध्यक्ष गाबा पर लगाए गंभीर आरोप
रुद्रपुर। उधम सिंह नगर जिले में कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है। जिले में नए कांग्रेस जिलाध्यक्ष के रूप में हिमांशु गाबा की नियुक्ति के बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता तिलकराज बेहड़ ने खुलकर नाराजगी जताई है। बेहड़ ने गाबा की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह निर्णय पार्टी हित में नहीं है और इससे केवल भाजपा को लाभ मिलेगा।
सूत्रों के अनुसार, तिलकराज बेहड़ और हिमांशु गाबा के बीच पिछले लंबे समय से मतभेद रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में यह ‘36 का आंकड़ा’ किसी से छिपा नहीं है। बताया जा रहा है कि संगठन में हालिया फेरबदल के दौरान गाबा को जिलाध्यक्ष बनाए जाने के फैसले में स्थानीय वरिष्ठ नेताओं से कोई राय नहीं ली गई। इसको लेकर बेहड़ समर्थकों में नाराजगी है और उन्होंने इस नियुक्ति को "एकतरफा और अनुचित" बताया है।
बेहड़ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “पार्टी संगठन को मजबूत करने के नाम पर ऐसे लोगों को जिम्मेदारी दी जा रही है जिनका झुकाव पहले भी विरोधी दल की ओर रहा है। हिमांशु गाबा की नियुक्ति से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटेगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गाबा ने विधानसभा चुनावों के दौरान कई मौकों पर भाजपा प्रत्याशी को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन दिया था। उन्होंने कहा कि पार्टी हाइकमान को पत्र भेजकर उन्होंने अवगत करवाया था लेकिन इसके बावजूद उसे गंभीरता से नहीं लिया गया इससे पार्टी को 2027 में इसका नुक्सान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि गाबा एसी में बैठकर राजनीति करते हैं जबकि जनता के सुख दुख में कभी भी शरीक नहीं होते। विधायक बेहड ने पार्टी हाइकमान पर भी उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाया तथा कहा कि मैदानी क्षेत्र के लोगों की कोई सुनवाई नहीं हुई पहाड़ का वर्चस्व बना हुआ है वह अपनी मनमानी कर गलत फैसले कर रहे हैं
वहीं, हिमांशु गाबा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “मैं हमेशा कांग्रेस के सिद्धांतों के साथ खड़ा रहा हूं। बेहड़ जी वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके बयान से पार्टी को नुकसान पहुंच सकता है। मेरा उद्देश्य संगठन को मजबूत करना और कार्यकर्ताओं को एकजुट करना है।”
उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सूत्रों के अनुसार, पार्टी आलाकमान इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। नेतृत्व ने दोनों नेताओं से शांत रहने और आपसी मतभेद दूर करने की सलाह दी है।
हालांकि, स्थानीय कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि स्थिति पर शीघ्र नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह विवाद पार्टी की जमीनी पकड़ को कमजोर कर सकता है — खासकर ऐसे समय में जब भाजपा के मुकाबले कांग्रेस को अपनी एकजुटता दिखाने की आवश्यकता है।


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