रेशम उत्पादों में उत्तराखंड का बड़ा कदम, वित्तीय वर्ष 2025–26 में ₹10 करोड़ बिक्री का लक्ष्य

उत्तराखंड रेशम फेडरेशन ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹10 करोड़ मूल्य के रेशम उत्पादों के विक्रय का लक्ष्य तय किया है। यह अब तक की सबसे बड़ी योजना है,

रेशम उत्पादों में उत्तराखंड का बड़ा कदम, वित्तीय वर्ष 2025–26 में ₹10 करोड़ बिक्री का लक्ष्य

(कुमाऊँ केसरी ब्यूरो रिपोर्ट, देहरादून)

उत्तराखंड रेशम फेडरेशन ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए ₹10 करोड़ मूल्य के रेशम उत्पादों के विक्रय का लक्ष्य तय किया है। यह अब तक की सबसे बड़ी योजना है, जिसे फेडरेशन के प्रबंध निदेशक आनंद शुक्ल के नेतृत्व में तैयार किया गया है।

यह लक्ष्य सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी अहम है। इससे प्रदेश के सैकड़ों रेशम उत्पादकों, बुनकरों और महिला स्वयं सहायता समूहों को सीधा लाभ मिलेगा।

सहकारिता से बाजार तक

फेडरेशन “कोऑपरेटिव टू मार्केट” मॉडल के तहत काम कर रहा है। शुक्ल का मानना है कि अगर कोकून उत्पादन से लेकर रिटेल बिक्री तक पूरी श्रृंखला को एकजुट किया जाए, तो यह एक स्थायी ग्रामीण रोजगार बन सकता है।

उत्तराखंड का ब्रांड “दून सिल्क” पहले ही बाज़ार में एक पहचान बना चुका है। अब इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाने की योजना बनाई जा रही है।

केंद्र सरकार की सराहना

हाल ही में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने देहरादून के रेशम पार्क का दौरा किया। उन्होंने उत्तराखंड के रेशम मॉडल को देश के अन्य राज्यों के लिए आदर्श बताया और इसकी सराहना की।

फेडरेशन प्रमुख का कहना

 “यह केवल बिक्री का लक्ष्य नहीं, बल्कि गांवों को आत्मनिर्भर और महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है।” – आनंद शुक्ल, प्रबंध निदेशक

आगे की रणनीति

  • नए डिज़ाइन और ब्रांडिंग के साथ बाजार विस्तार
  • ग्रामीण स्तर पर 5 नई उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करना
  • 11 सहकारी समितियों को मुनाफे में लाना
  • महिला समूहों की भागीदारी बढ़ाना

यह ₹10 करोड़ का लक्ष्य केवल आर्थिक विकास नहीं, बल्कि सहकारिता आंदोलन की पुनर्परिभाषा है। यदि सब कुछ योजना अनुसार चला, तो यह उत्तराखंड को राष्ट्रीय रेशम मानचित्र पर मज़बूती से स्थापित कर सकता है।