सर्वाइकल कैंसर से हर 9 मिनट में होती है एक महिला की मौत
एल्डा फाउंडेशन द्वारा महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित सर्वाइकल कैंसर से हर 9 मिनट में होती है एक महिला की मौत देहरादून, एल्डा फाउंडेशन द्वारा महिला स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के महत्वपूर्ण विषयों पर एक विस्तृत प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर, एल्डा फाउंडेशन की अध्यक्ष, डॉ. पूजा, ने भारत में महिलाओं के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों, विशेष रूप से सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते बोझ, पर प्रकाश डाला। उन्होंने संगठन द्वारा इन चुनौतियों का सामना करने के लिए किए जा रहे महत्वपूर्ण प्रयासों और भविष्य की योजनाओं को साझा किया। डॉ. पूजा ने बताया कि एल्डा फाउंडेशन ने अब तक गर्भाशय ग्रीवा कैंसर जागरूकता और मासिक धर्म स्वच्छता पर 900 से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की हैं। ये कार्यशालाएं महिलाओं को उनके स्वास्थ्य के बारे में शिक्षित करने और उन्हें महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने में सहायक रही हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि भारत में प्रत्येक 9 मिनट में एक महिला की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से होती है, जो इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है। यह आंकड़ा इस बात पर जोर देता है कि सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता और शीघ्र निदान कितना महत्वपूर्ण है। डॉ. पूजा ने आगे बताया कि एल्डा फाउंडेशन ने महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक कार्य वातावरण सुनिश्चित करने के लिए POSH 2013 (यौन उत्पीड़न से संरक्षण) पर भी कार्यशालाएं आयोजित की हैं। ये कार्यशालाएं कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से बचाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, एल्डा फाउंडेशन ने असुरक्षित महिलाओं के लिए निःशुल्क पेप स्मीयर परीक्षण शुरू किया है। यह पहल उन महिलाओं के लिए जीवनरक्षक हो सकती है जिनके पास अन्यथा इन महत्वपूर्ण परीक्षणों तक पहुंच नहीं होती। डॉ. पूजा ने बताया कि संस्था ने अब तक उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक 90,000 से अधिक महिलाओं को जागरूक किया है, और वर्तमान में उत्तर प्रदेश में पेप स्मीयर परीक्षण भी कर रही है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले समय में देहरादून में भी संस्था द्वारा निःशुल्क पेप स्मीयर जांच कराई जाएगी, जिससे स्थानीय महिलाओं को काफी लाभ मिलेगा। संस्था की देहरादून कोऑर्डिनेटर गुलिस्ता भी उपस्थित थीं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण और स्वास्थ्य के क्षेत्र में एल्डा फाउंडेशन के प्रयासों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर काम करने से महिलाओं के जीवन में सीधा और सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। एल्डा फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. पूजा ने दृढ़ता से कहा, "हमें महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा के मुद्दों पर काम करने में गर्व है। हमें उम्मीद है कि हमारे प्रयास महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद मिल सके।" उनका यह कथन एल्डा फाउंडेशन की प्रतिबद्धता और समर्पण को दर्शाता है, जो भारत में महिलाओं के समग्र कल्याण के लिए अथक प्रयास कर रहा है। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस न केवल एल्डा फाउंडेशन के कार्यों को रेखांकित करती है, बल्कि सर्वाइकल कैंसर जैसे गंभीर स्वास्थ्य मुद्दों पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता को भी उजागर करती है।
