रायपुर में पाँच पुस्तकों का लोकार्पण : सात्विक आहार से स्वास्थ्य की ओर

रायपुर। उभरते भविष्य शिखर सम्मेलन 2025 में रविवार को सात्विक आहार और होलीस्टिक न्यूट्रिशन पर आधारित पाँच पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस श्रृंखला में कुल 105 स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन शामिल हैं।

रायपुर में पाँच पुस्तकों का लोकार्पण : सात्विक आहार से स्वास्थ्य की ओर

रायपुर। उभरते भविष्य शिखर सम्मेलन 2025 में रविवार को सात्विक आहार और होलीस्टिक न्यूट्रिशन पर आधारित पाँच पुस्तकों का लोकार्पण किया गया। इस श्रृंखला में कुल 105 स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन शामिल हैं। पुस्तकों के शीर्षक हैं – One Pot Wisdom, Snack Time Wisdom, Oil-Womb Wisdom, Dessert Wisdom और Upwas Wisdom।

इन पुस्तकों की सह-लेखिका हैं माधवी भदांग और उनकी मार्गदर्शक डॉ. पल्लवी कासलीवाल-देशपांडे। लोकार्पण कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे जिनमें पद्मश्री डॉ. खादर वली (मिलेट मैन ऑफ इंडिया), पद्मश्री सुभाष पालेकर, पद्मश्री फूलबसन देवी यादव, पद्मश्री व्यंकटेश्वर, ब्रिगेडियर गणेशम, जैकस राव, निरंजन कारगी और सौरभ बोथरा प्रमुख रहे।

प्रेरणादायी यात्रा

माधवी भदांग का जीवन सेवाभाव और त्याग का उदाहरण माना गया। उन्होंने 60 वर्ष की आयु में अपने परिजन को लिवर डोनेट किया। चिकित्सीय परीक्षणों के बाद उनके लिवर की उम्र मात्र 30 वर्ष आँकी गई। आज वे पूर्ण स्वस्थ हैं और समाजसेवा में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

उनकी प्रेरणा रही हैं डॉ. पल्लवी कासलीवाल-देशपांडे, जो Limca Book of Records (1996) में भारत की सबसे कम उम्र की जादूगर के रूप में दर्ज हैं। वे प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट, लेखिका और Empower Expansion BEES की संस्थापिका हैं। उनके BEES मॉडल (Body, Emotions, Energy, Soul) के जरिए अब तक 3500 से अधिक लोगों को सर्जरी से बचाया गया है।

पुस्तकें और उद्देश्य

दोनों लेखिकाओं का कहना है कि यह पुस्तकें केवल रेसिपी नहीं बल्कि एक आंदोलन हैं। इनका उद्देश्य है हर परिवार को यह समझाना कि भोजन केवल पेट भरने का साधन नहीं, बल्कि जीवनशक्ति और आत्मिक संतुलन का आधार है।

माधवी भदांग ने कहा, “सही आहार और जीवनशैली से उम्र सिर्फ एक संख्या बन जाती है।” वहीं डॉ. पल्लवी ने कहा, “प्राकृतिक भोजन अपनाकर समाज में स्वास्थ्य क्रांति लाई जा सकती है।”